पाठशाला भीतर और बाहर |अंक‑19

Azim Premji University,

Abstract

पाठशाला भीतर और बाहर के उन्नीसवें अंक के ज़्यादातर लेख पुस्तकालय और भाषा की पढ़ाई के विविध पहलुओं पर केन्द्रित हैं। इन लेखों में, अच्छी किताबों से ही अच्छे स्कूल पुस्तकालय की कल्पना साकार होती है व पुस्तकालय को जीवन्त और सक्रिय कैसे बनाया जाए, जैसे विषयों को उठाया गया है। एक लेख लोकतंत्र में संवाद की संस्कृति बनाने व इसके महत्त्व के बारे में है। साक्षात्कार में चिन्तनशील शिक्षक और इनकी रचनात्मकता के विकास की प्रक्रिया पर चर्चा की गई है। संवाद में, संवैधानिक मूल्य बन्धुता के भाव को विकसित करने के लिए स्कूली स्तर पर किए जाने वाले प्रयासों के बारे में अनुभवपरक विचार रखे गए हैं।