पाठशाला भीतर और बाहर |अंक‑17
Azim Premji University,
Abstract
गणना करना सीखना और संक्रियाएँ सीखना ही गणित सीखना नहीं है। गणित सीखने में बहुत कुछ है। इसके लिए गणित की भाषा सीखना और स्वयं गणित करना अहम है। ऐसा गणित, जो आपके दिमाग की क्षमता को खींचे व कर पाने की खुशी भी दे । इस अंक में गणित के लेख इन बातों को बखूबी दिखा रहे हैं। बच्चों को लिखना सिखाने पर भी इस अंक के लेखों में विस्तृत बात हुई है। संवाद व अन्य लेख लिखने के आयामों यथा लिखना और पुस्तकें पढ़ना-लिखना और मौखिक अभिव्यक्ति आदि को उभारते हैं। सीखने में अर्थ की भूमिका अहम है। जो भी सीखा जाना है, सीखने वाला अपने लिए उसका अर्थ खुद गढ़ता है और जब वह यह अर्थ गढ़ पाता है, तभी सीख पाता है। बच्चों को कविता का अर्थ खुद गढ़ने देने की बात करता एक लेख, कविता ही नहीं बल्कि कुछ भी सीखने में अर्थ की भूमिका क्या हो सकती है, रेखांकित करता है। शामिल पुस्तक चर्चा भी बच्चों के सीखने के बारे में बहुत से महत्त्वपूर्ण बिन्दु रखती है।