शिक्षा क्या और क्यों?

विषय पर मनोज कुमार की सी एन सुब्रमण्यम से बातचीत 

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शिक्षा’ क्या होती है और इसका क्या महत्त्व है? यह मूलभूत सवाल हैं, जिनके कई आयाम और दृष्टिकोण हो सकते हैं। यही वजह है कि शिक्षा’ से जुड़े प्रश्‍न जटिल रूप लेकर हमारे सामने खड़े होते हैं। ऐसी स्थिति में हम शिक्षा को कैसे समझे और इसके क्या मायने हो सकते हैं? शिक्षा के इन्हीं कुछ पहलुओं पर मंथन करने के लिए आप इस वेबिनार में आमंत्रित हैं।

यह वेबिनार सीरीज़ शिक्षा से जुड़े विभिन्न मसलों पर शिक्षाशास्त्र के विद्यार्थी, शिक्षक‑प्रशिक्षक, ज़मीनी स्तर पर काम वाले व्यक्ति, शिक्षक शिक्षा संस्थान और उसके फ़ैकल्टी सदस्यों के लिए आयोजित की जा रही है। इस वेबिनार सीरीज़ के अंतर्गत महीने में दो बार वेबिनार आयोजित किए जाएँगे और इस शृंखला का अगला वेबिनार 2 सितंबर 2023 को होगा।

यह चर्चा हिन्दी में होगी I

आप यहाँ वेबिनार में शामिल हो सकते हैं : 

वक्ताओं के बारे में :

सी एन सुब्रमण्यम इतिहास के अध्येता रहे हैं। शिक्षा, ख़ासतौर पर समाज विज्ञान पाठ्यक्रम एवं निर्माण पर अस्सी के दशक से आज तक काम कर रहे हैं। कई राज्यों के शिक्षक‑शिक्षा के पाठ्यक्रम निर्माण में सक्रिय रहे।

चकमक, सन्दर्भ जैसी हिन्दी और कई अँग्रेज़ी पत्रिकाओं में बच्चों और शिक्षकों के लिए इतिहास लेखन पर लगातार लेख प्रकाशित होते रहे हैं।

मनोज कुमार फ़िलहाल अज़ीम प्रेमजी विश्‍वविद्यालय के शिक्षा संकाय में प्राध्यापक हैं। दिगन्तर’, जयपुर और रूम टू रीड’ इंडिया जैसी संस्थाओं के साथ काम करते हुए इन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा में ज़मीनी स्तर पर काम किया है। शिक्षा, साहित्य, संस्कृति और समसामयिक मसलों पर इनकी कई रचनाएँ हिन्दी और अँगेज़ी में प्रकाशित हुई हैं। इन्होंने बच्चों के लिए भी रचनाएँ लिखी हैं जो विभिन्न पत्रिकाओं में या पिक्चर बुक के रूप में प्रकाशित हुई हैं।