नेचर राइटिंग फॉर चिल्ड्रेन: ये सारा उजाला सूरज का
इस महीने के वेबिनार में हमारे साथ जुड़ रहे हैं, जाने-माने लेखक संपादक सुशील शुक्ल जो अपनी रचना ये सारा उजाला सूरज का, हमारे साथ साझा करेंगे।

पर्यावरण पे बाल‑साहित्य एक ऐसा क्षेत्र है जो हाल के वर्षों में काफी बढ़ा है, कई पुराने और नए लेखकों के साथ, बच्चों से लेकर युवा वयस्कों तक, विभिन्न उम्र के लिए पुस्तकों की एक आकर्षक सरणी का योगदान है। इस प्रकार के लेखन को बढ़ावा देने के लिए, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय ने नेचर राइटिंग फॉर चिल्ड्रेन नामक मासिक वेबिनार सीरिज़ की रचना की है।
इस महीने के वेबिनार में हमारे साथ जुड़ रहे हैं, जाने-माने लेखक संपादक सुशील शुक्ल जो अपनी रचना ये सारा उजाला सूरज का, हमारे साथ साझा करेंगे।
लेखक — सुशील शुक्ल
लिखना-पढ़ना, पैदल घूमना, संगीत और क्रिकेट के इर्द‑गिर्द जीना-मरना। बच्चों के लिए कविता-कहानी के अलावा विभिन्न मसलों पर लेखन में गहरी दिलचस्पी। एन सी ई आर टी सहित विभिन्न राज्यों की पाठ्य पुस्तक निर्माण समितियों में काम। फिलहाल, तक्षशिला के बाल साहित्य एवं कला केन्द्र ‘इकतारा’ में बतौर निदेशक कार्यरत।
साक्षात्कर्ता
शाश्वत चतुर्वेदी (डी सी), अज़ीम प्रेमजी विशवविद्यालय में संचार गुट का हिस्सा हैं। वह पर्यावरण पे लिखते हैं, तथा इतिहास और पुराण में रूचि रखते हैं।
Centre for Climate Change and Sustainability
Strengthening India's response to the climate crisis