Nature Writing for Children: सोपान जोशी से बातचीत

पत्रकार, लेखक, संपादक सोपान जोशी अपनी रचना जल थल मल हमारे साथ साझा करेंगे।

पर्यावरण पे बाल‑साहित्य एक ऐसा क्षेत्र है जो हाल के वर्षों में काफी बढ़ा है, कई पुराने और नए लेखकों के साथ, बच्चों से लेकर युवा वयस्कों तक, विभिन्न उम्र के लिए पुस्तकों की एक आकर्षक सरणी का योगदान है। इस प्रकार के लेखन को बढ़ावा देने के लिए, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय ने नेचर राइटिंग फॉर चिल्ड्रेन नामक वेबिनार सीरिज़ की रचना की है। 

इस महीने के वेबिनार में हमारे साथ जुड़ रहे हैं, जाने-माने पत्रकार, लेखक, संपादक सोपान जोशी जो अपनी रचना जल थल मल, हमारे साथ साझा करेंगे। 

सोमवार, १२ फरवरी २०२४, शाम ४ बजे

इस किताब के बारे में

शौचालय का होना या न होना भर इस किताब का विषय नहीं है। यह तो केवल एक छोटी सी कड़ी है, शुचिता के तिकोने विचार में। इस त्रिकोण का अगर एक कोना है पानी, तो दूसरा है मिटटी, और तीसरा है हमारा शरीर। जल, थल और मल।

लेखक

सोपान जोशी पत्रकार हैं। विज्ञान, पर्यावरण, राजनीति, खेल, खेती, टेक्नोलॉजी, घूमना-फिरना, सब पर इनके लेख छपते रहे हैं।

साक्षात्कर्ता

शाश्वत चतुर्वेदी (डी सी), अज़ीम प्रेमजी विशवविद्यालय में संचार गुट का हिस्सा हैं। वह पर्यावरण पे लिखते हैं, तथा इतिहास और पुराण में रूचि रखते हैं।