Pathshala: इबारती सवालों पर काम के कुछ अनुभव

पाठशाला पत्रिका के अंक 14 में प्रकाशित लेख इबारती सवालों पर काम के कुछ अनुभव’ के लेखक मारिया के साथ चर्चा में जुड़ें।

Pathshala Webinar 25 Jan 2023 SM

क्या गणित सीखने का मतलब सिर्फ संक्रियाएँ सीखना और उनके कलन सीखना है? गणित सीखने में इबारती सवालों को पढ़कर समझना महत्वपूर्ण क्यों हैं? इबारती सवाल पढ़ी गई गणितीय अवधारणाओं की बेहतर समझ बनाने में कैसे मदद करते हैं? गणितीय रूप से सोचने में कैसे मददगार होते हैं? इन सवालों पर चर्चा के लिए जुड़ें।

लेख यहाँ पढ़ें : https://​bit​.ly/​3​W​g6ISB

इबारती सवाल हल करने के दौरान बच्चों के सामने आने वाली चुनौतियाँ और कठिनाइयाँ सभी जगह लगभग एक जैसी हैं। इसकी जड़ें गणित शिक्षण के पारम्परिक तौर – तरीक़ों में निहित हैं, जिनमें गणित को सन्दर्भों से काटकर, सहभागिता के बिना और उपयोगिता के घटक को नज़रअन्दाज़ करते हुए सिखाना शामिल है। इस आलेख में कक्षा अवलोकन के ज़रिए इस समस्या के कारणों और इनके कुछ सम्भावित समाधानों का ब्योरा प्रस्तुत किया गया है।

विश्लेषक व संवर्धक : सुधीर श्रीवास्तव

चर्चा करेंगे : अर्धेन्दु शेखर दाश

चर्चा हिन्दी में होगी।

वक्ताओं के बारे में

मारिया, अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन में गणित की रिसोर्स पर्सन हैं। वे वर्तमान में छत्तीसगढ़ के जांजगीर‑चांपा के नवागढ़ ब्लॉक में शिक्षक व बच्चों के साथ गणित शिक्षण पर काम कर रही हैं। 

संपर्क — maria.​dey@​azimpremjifoundation.​org

सुधीर श्रीवास्तव, एस सी ई आर टी, रायपुर, छतीसगढ़ से लंबे समय तक जुड़े रहे। बच्चों के साथ गणित की अवधारणाओं पर काम करना और उनकी गणित सीखने की चुनौतियों को समझने में दिलचस्पी रखते हैं।

संपर्क — shrivastavasudhir512@​gmail.​com

अर्धेंदु शेखर दाश, अज़ीम प्रेमजी स्कूल, धमतरी, छतीसगढ़ में प्रधानाध्यापक हैं। इससे पहले गणित के रिसोर्स पर्सन के तौर पर काम किया। गणित सीखने-सिखाने में रूचि रखते हैं।

संपर्क -arddhendu@​azimpremjifoundation.​org

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