भारत में स्थानीय लोकतांत्रिक शासन की यात्रा विषय पर राष्ट्रीय‑संगोष्ठी

पंचायती राज, PESA और एफ़आरए की अब तक की यात्रा और अब आगे की ओर
21 – 23 जून 2023 | होटल चाणक्य बीएनआर, रांची, झारखंड

Ld conference Hindi May22

सन 1993 में हुए 73वें और 74वें संवैधानिक संशोधनों के साथ शुरु हुई स्थानीय लोकतांत्रिक शासन के लिए भारत की यात्रा का यह (2023) 30वाँ साल है। 

PESA के साथ‑साथ वन अधिकार अधिनियम (और अन्य प्रावधानों) ने लोगों को स्थानीय स्वायत्तता, स्थानीय लोकतांत्रिक निर्णय लेने और हाशिए पर रहने वाले समूहों के दावे को केन्द्र में रखकर सार्वजनिक विचार‑विमर्श करने के लिए मज़बूत संस्थागत ढांचा दिया है। 

आज दशकों बाद, हम इसके पक्ष में सार्वजनिक आख्यानों को और मज़बूत करने, ज़मीनी स्तर पर मिले अनुभवों पर सोच‑विचार करने और आगे के रास्ते पर विचार‑विमर्श करने की मंशा करते हैं।

अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय भारत में स्थानीय लोकतांत्रिक शासन की यात्रा पर तीन दिवसीय सम्मेलन की घोषणा कर रहा है। 

तीन दिवसीय सम्मेलन, होटल चाणक्य बीएनआर होटल, रांची, झारखंड

सम्मेलन के लक्ष्य हैं –

  • भारत में पंचायतीराज, पेसा, एफआरए और अन्य सक्षम प्रावधानों के रूप में स्थानीय लोकतंत्र की 30 दशक की यात्रा पर विचार विमर्श करना
  • पेशेवरों, शिक्षाविदों, नीति विचारकों, जनप्रतिनिधियों और मीडिया के बीच सहयोग को मजबूत करना
  • अपेक्षाकृत देर से शुरु हुई झारखंड राज्य की स्थानीय लोकतंत्र की यात्रा में योगदान देना
  • भारत में स्थानीय लोकतंत्र को व्यापक और गहरा बनाने में नागरिक समाज के योगदान को पेश करना

सम्मेलन में नीचे दिए गए सत्र होंगे:

अकादमिक नज़रिए से स्थानीय लोकतंत्र के सामाजिक‑राजनीतिक और विकास प्रभावों की खोज, स्थानीय शासन क्षमता की स्थिति, नागरिक भागीदारी का विकास और भारत में स्थानीय लोकतंत्र का भविष्य।

पंचायती राज की स्थापना, PESA के तहत संसाधनों के स्थानीय लोकतांत्रिक प्रशासन, जंगलों में रह रहे लोगों और आश्रितों के लिए वन अधिकारों की स्थापना के अनुभवों से प्रमुख नीतिगत पाठों को उद्घाटित करना।

स्थानीय योजना, सेवा वितरण, विभागों के साथ सहयोगी शासन, सामुदायिक वन अधिकार, PESA के तहत ग्राम सभा की शक्तियों और जिम्मेदारियों आदि में उभरती हुई अच्छे व्यवहारों को साझा करना।

विभिन्‍न राज्यों से निर्वाचित प्रतिनिधियों और उनके अनुभवों को साझा करना।

73वें संशोधन, PESA और एफ़आरए के तहत झारखंड में स्थानीय लोकतांत्रिक संस्थानों के कामकाज और राज्य में स्थानीय लोकतंत्र को मज़बूत करने के उभरते प्रयासों का अवलोकन।

स्थानीय लोकतंत्र पर विमर्श शुरु करना — प्रमुख सार्वजनिक आख्यानों को प्रस्तुत कर उन्हें कैसे प्राप्‍त किया जा सकता है इस पर विचार करना, और साथ ही साथ स्थानीय शासन में अच्छी प्रथाओं को संप्रेषित करना सीखना है।

सम्मेलन के हर एक सत्र में आमंत्रित वक्ताओं एवं विशेष रूप से आमंत्रित निर्वाचित प्रतिनिधिगण, नागरिक समाज, शिक्षाविद, मीडियाकर्मी, नौकरशाह और अन्य इच्छुक व्यक्तियों की भागीदारी होगी। दर्शकों द्वारा वक्ताओं और पैनल में मौजूद विमर्शकर्ताओं के साथ सवाल‑जवाब और चर्चाओं के लिए समय तय है।

पंजीकरण करने के इच्छुक व्यक्ति नीचे दिए गए लिंक ज़रिए उपलब्ध पंजीकरण फ़ॉर्म भर सकते हैं।

कार्यक्रम की पूरी जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें →

संयोजक

अशोक कुमार सरकार व ज़ुल्फिकार हैदर

अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के प्राध्यापक सदस्य, अशोक कुमार सरकार, भारत में स्थानीय लोकतांत्रिक शासन पर राष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन के बारे में बात करते हैं:

अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सदस्य जुल्फिकार हैदर भारत में स्थानीय लोकतांत्रिक शासन पर राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन के बारे में बात करते हैं:

पहले दिन की झलकियाँ:

दूसरे दिन की झलकियाँ:

तीसरे दिन की झलकियाँ:

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