लिखना सीखने की मज़ेदारी और पत्र और संवेदनशील मुद्दे:कक्षा — कक्षीय प्रक्रिया
पाठशाला पत्रिका के अंक 17 में प्रकाशित लेख ‘ लिखना सीखने की मज़ेदारी ‘ के लेखक सुनीता और ‘ पत्र और संवेदनशील मुद्दे : कक्षा — कक्षीय प्रक्रिया ’ के लेखक प्रतिभा शर्मा के साथ चर्चा में जुड़ें।
लेखक व प्रस्तुतकर्ता : सुनीता और प्रतिभा शर्मा
चर्चा करेंगी : प्रतिभा कटियार
चर्चा हिन्दी में होगी।
लेख यहाँ पढ़ें : https://bit.ly/48i4aKb और https://bit.ly/41ymhti
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वक्ताओं का परिचय
डॉ प्रतिभा शर्मा शिक्षा के क्षेत्र में 15 वर्ष से काम कर रही हैं। आपने केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के जयपुर परिसर से संस्कृत भाषा में पीएचडी की है। संस्कृत विषय पर उनके कई लेख संस्कृत पत्र‑पत्रिकाओं में छप चुके हैं। वर्तमान में अज़ीम प्रेमजी स्कूल टोंक, राजस्थान में अध्यापन कर रही हैं।
सुनीता दो दशक से भाषा शिक्षण के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वर्तमान में अज़ीम प्रेमजी फ़ाउण्डेशन ऊधम सिंह नगर उत्तराखंड में भाषा शिक्षण के स्रोत व्यक्ति के रूप में कार्यरत हैं। वे पत्र‑पत्रिकाओं में शिक्षा पर लेख लिखती रहती हैं।
प्रतिभा कटियार ने राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर किया है। शुरुआत पत्रकारिता से करते हुए ‘स्वतंत्र भारत’, ‘पायनियर’ ‘हिंदुस्तान’ ‘जनसत्ता एक्सप्रेस’ जैसे हिंदी के अखबारों में काम किया है। इसके बाद अज़ीम प्रेमजी फ़ाउण्डेशन के साथ जुड़कर उन्होंने शिक्षण को अपना करियर बनाया। ‘वह चिड़िया क्या गाती होगी’ पत्र संकलन और ‘ख़्वाब जो बरस रहा है’ और ‘चयनित कविताएँ’ कविता संग्रह प्रकाशित हो चुका है। अंडमान यात्रा पर लिखा यात्रा संस्मरण और कविता ‘ओ अच्छी लड़कियों’ कर्नाटक की रानी चेनम्मा विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल हैं। उनकी दो कहानियों पर शॉर्ट फ़िल्म का निर्माण हुआ है। उनकी कविताएँ गुजराती, मराठी, अंग्रेजी में अनुवादित हुई हैं।
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