पाठशाला भीतर और बाहर | दहलीज़ से बाहर सामाजिक विज्ञान का संसार
पाठशाला पत्रिका के अंक 15 में प्रकाशित लेख ‘दहलीज़ से बाहर सामाजिक विज्ञान का संसार‘ के लेखक अनिल सिंह और ‘बच्चों ने बनाया अपनी कक्षा के संविधान का संकल्प प्रस्ताव’ के लेखक केवल आनन्द कांडपाल के साथ चर्चा में जुड़ें।

दहलीज़ से बाहर सामाजिक विज्ञान का संसार
सामाजिक विज्ञान में कई अवधारणाएँ जटिल और अमूर्त होती हैं, जैसे— संविधान। यह लेख इस सवाल का जवाब ढूँढ़ने की कोशिश करता है कि इन अवधारणाओं से बच्चों का परिचय कैसे कराया जाए। लेख में चार दिनों में फैली गतिविधि के सहारे कक्षा 8 के बच्चे ठोस उदाहरण के ज़रिए संविधान और क़ानून जैसी अवधारणाओं को समझते हैं, उनपर बात करते हैं और साझा प्रयासों से कक्षा के लिए एक संकल्प तैयार करने की कोशिश करते हैं। इस प्रक्रिया में कक्षा में, संविधान क्यों ज़रूरी है, कैसे मददगार होता है, क़ानून क्या होते हैं, आदि मुद्दों पर भी समझ बनी।
लेख यहाँ पढ़ें : https://bit.ly/3BsTcTW
बच्चों ने बनाया अपनी कक्षा के संविधान का संकल्प प्रस्ताव
सामाजिक विज्ञान में कई अवधारणाएँ जटिल और अमूर्त होती हैं, जैसे— संविधान। यह लेख इस सवाल का जवाब ढूँढ़ने की कोशिश करता है कि इन अवधारणाओं से बच्चों का परिचय कैसे कराया जाए। लेख में चार दिनों में फैली गतिविधि के सहारे कक्षा 8 के बच्चे ठोस उदाहरण के ज़रिए संविधान और क़ानून जैसी अवधारणाओं को समझते हैं, उनपर बात करते हैं और साझा प्रयासों से कक्षा के लिए एक संकल्प तैयार करने की कोशिश करते हैं। इस प्रक्रिया में कक्षा में, संविधान क्यों ज़रूरी है, कैसे मददगार होता है, क़ानून क्या होते हैं, आदि मुद्दों पर भी समझ बनी।
लेख यहाँ पढ़ें : https://bit.ly/3I7MN4b
चर्चा करेंगी : प्रतिभा कटियार
चर्चा हिन्दी में होगी।
वक्ताओं के बारे में
अनिल सिंह
अनिल सिंह पिछले 20 बरसों से सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय हैं। गए 15 सालों से प्राथमिक शिक्षा ही उनका प्रमुख कार्यक्षेत्र है। सात सालों तक भोपाल के वैकल्पिक स्कूल के मॉडल आनन्द निकेतन से जुड़े रहे हैं और वहाँ भाषा व सामाजिक विज्ञान शिक्षण पर पर काम किया है। आपकी एक किताब ‘चमनलाल के पायजामे’ जुगनू प्रकाशन से प्रकाशित है। पत्र पत्रिकाओं में शिक्षा व सामाजिक मसलों पर लेख लिखते रहते हैं। वर्तमान में पराग के लाइब्रेरी एजूकेटर कोर्स से बतौर फेकल्टी जुड़े हुए हैं।
केवल आनन्द कांडपाल
केवल आनन्द कांडपाल ने 15 वर्ष तक वरिष्ठ माध्यमिक कक्षाओं में अध्यापन और एक दशक तक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में शिक्षक प्रशिक्षक के रूप में कार्य किया है। पत्र पत्रिकाओं में शिक्षा पर लेख लिखते रहते हैं। वर्तमान में राजकीय इंटरमीडियट कॉलेज में प्रधानाचार्य की भूमिका में कार्यरत हैं।
प्रतिभा कटियार
प्रतिभा कटियार राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। आपने ‘स्वतंत्र भारत’, ‘पायनियर’ ‘हिंदुस्तान’ ‘जनसत्ता एक्सप्रेस’ और ‘दैनिक जागरण’ जैसे हिंदी अखबारों में काम किया है। प्रतिभा ने रूसी कवयित्री मारीना त्स्वेतायेवा की ‘मारीना’ नाम से जीवनी लिखी है। आपका ‘वह चिड़िया क्या गाती होगी’ पत्र संकलन और ‘ख़्वाब जो बरस रहा है’ और ‘चयनित कविताएँ ’ कविता संग्रह प्रकाशित हो चुका है। अंडमान यात्रा पर लिखा यात्रा संस्मरण और कविता ‘ओ अच्छी लड़कियों’ कर्नाटक की रानी चेनम्मा विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल हैं। वर्तमान में अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन देहरादून उत्तराखंड के साथ जुड़कर शिक्षण के क्षेत्र में सक्रिय हैं।
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